बैंगन - 3 Prabodh Kumar Govil द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Baingan द्वारा  Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
गाड़ी रुकते ही मैं अपना सूटकेस उठाए स्टेशन से बाहर आया।
एक रिक्शावाला तेज़ी से रिक्शा घुमाकर मेरे ठीक सामने आ गया।
बोला- कहां चलिएगा?
मैंने कहा - म...

अन्य रसप्रद विकल्प