जनजीवन - 8 Rajesh Maheshwari द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें जनजीवन - 8 जनजीवन - 8 Rajesh Maheshwari द्वारा हिंदी कविता 51 411 समय और जीवन कौन कहता है कि समय निर्दय होता है,वह तो तरुणाई की कथा जैसा होता है मधुर और प्रीतिमय, वह यौवन के आभास सा होता है कभी खट्टा और कभी मीठा। उन मोहब्बत के मारों की ...और पढ़ेजिन्हें वक्त और जवानी ने दगा दे दिया। उनकी भावनायें बन जाती हैं आंसुओं का दरिया, उन्हें जीना पड़ता है इसी मजबूरी मे, समय उन्हें देता है दुखो की अनुभूति वे जीवन भर भरते हैं आहें छोड़ते है ठण्डी सांसें। समय उन्हीं पर मेहरबान होता है जो समझ लेते हैं समय को समय पर। ऐसे लोग शहंशाह की तरह जीते कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें जनजीवन - उपन्यास Rajesh Maheshwari द्वारा हिंदी - कविता 942 4.7k Free Novels by Rajesh Maheshwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Rajesh Maheshwari फॉलो