जनजीवन - 7 Rajesh Maheshwari द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

Janjeevan द्वारा  Rajesh Maheshwari in Hindi Novels
इतनी कृपा दिखना राघव, कभी न हो अभिमान,

मस्तक ऊँचा रहे मान से, ऐसे हों सब काम।

रहें समर्पित, करें लोक हित, देना यह आशीष,

विनत भाव से प्रभु चरण...

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