you could not live just for me book and story is written by r k lal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. you could not live just for me is also popular in Motivational Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. नहीं रह सकी तुम सिर्फ मेरे लिए r k lal द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 29 1.8k Downloads 7.2k Views Writen by r k lal Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण नहीं रह सकी तुम सिर्फ मेरे लिएआर 0 के 0 लालमम्मी! तुमको क्या यह बात हजार बार बतानी पड़ेगी या लिख कर दूँ कि इस तरह का खाना मैं नहीं खा सकता। रोज-रोज एक ही नाश्ता तुम बनाती हो, वही अंकुरित मूंग और दलिया। आज मैं कुछ खा नहीं रहा हूं ऐसे ही ऑफिस जा रहा हूं। तुम घर के दूसरे लोगों के हिसाब से रसोईं बनाओ और उन्हें खिलाओ। मैं तो यह सब नहीं खाने वाला। सुमित ने सुबह ऑफिस जाते हुयेहंगामा माचाया।उसकी मम्मी पूजा ने बड़े प्यार से उसे समझाने की कोशिश की, “अरे बेटा सुनो तो! क्यों More Likes This गिरोह द्वारा Anand Tripathi एक अंजानी दोस्ती - पार्ट 1 द्वारा krick प्यारा सा बगीचा द्वारा DINESH KUMAR KEER ग्रीन मेन - 1 द्वारा Green Man सामने वाले की पहचान द्वारा Ashish Comfirt Zone द्वारा Ashish मंजिले - भाग 1 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी