एक दुनिया अजनबी - 17 Pranava Bharti द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें एक दुनिया अजनबी - 17 एक दुनिया अजनबी - 17 Pranava Bharti द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 786 3.8k एक दुनिया अजनबी 17 - उस दिन प्रखर को अपने भीतर कुछ बदलाव सा महसूस हुआ | लगा शायद उसके मन के आँगन की बंद खिड़की की कोई झिर्री खुल गई है |कोई नरम हवा सी मन को छू ...और पढ़ेगई, कोई बात करने वाला शायद मिले, शायद कोई उसकी बात समझने वाला मिले !आस का एक झरोखा सा मन में फड़फड़ाने लगा | उस दिन काम में भी कुछ मन लगने के आसार लगने लगे | अकेलेपन और एकांत में बहुत फ़र्क है | जहाँ एकांत स्वयं से वार्तालाप करने का अवसर देता है, वहीं अकेलापन मन को तोड़ डालता है| प्रखर को कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें एक दुनिया अजनबी - 17 एक दुनिया अजनबी - उपन्यास Pranava Bharti द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (96) 37.8k 182k Free Novels by Pranava Bharti अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Pranava Bharti फॉलो