gachcha book and story is written by रामगोपाल तिवारी in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. gachcha is also popular in Women Focused in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. गच्चा रामगोपाल तिवारी द्वारा हिंदी महिला विशेष 3 1.6k Downloads 4k Views Writen by रामगोपाल तिवारी Category महिला विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कहानी गच्चा रामगोपाल भावुक ‘वन्दना तू लड़की की जात ठहरी, देख कें चलवो कर, नहीं तो कहूँ गहरा गच्चा खायेगी।’ पोपले मुंह वाली मेरे पिताजी की बुआ प्रायः मुझे टोकती थीं। खास तौर पर जब मैं मुहल्ले की लड़कियों के साथ बैडमिन्टन खेलकर लौटती। अकेले मैं बैठकर बुआ की सीख पर विचार करती कि आखिर क्या गच्चा खा सकती हूँ मैं? उत्तर अनेक होते। गच्चा खाना, धोखा खाना भी होता है। किसी के जाल में फंसना भी होता है। गच्चा का अर्थ जान बूझकर की गई गल्ती के लिये जुर्माना भरना भी More Likes This जरूरी था - 1 द्वारा Komal Mehta दरिंदा - भाग - 1 द्वारा Ratna Pandey बच्चों में डाले गर्भ से संस्कार - 6 द्वारा नीतू रिछारिया स्वस्थ, सुंदर, गुणवान, दीर्घायु-दिव्य संतान कैसे प्राप्त करे? - भाग 1 द्वारा Praveen kumrawat इतना तो चलता है - 1 द्वारा Komal Mehta सदाबहार के फूल द्वारा Sharovan जिद्दी मोहब्बत - 1 द्वारा Gumnaam shayar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी