मौजी रामगोपाल तिवारी द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें मौजी मौजी रामगोपाल तिवारी द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 858 3.2k कहानी मौजी ...और पढ़े रामगोपाल भावुक सूर्य डूबने को हो रहा था। चरवाहे पशु लेकर घर लौ पड़े थे। गाँव के लोग अपने पशुओं को लेने, गाँव के बाहर हनुमान जी के मन्दिर पर प्रतिदिन इकट्ठे हो जाते हैं। मन्दिर के चबूतरे से, जो छः-सात फीट ऊंचा होगा, उस पर खड़े होकर पशुओं के आने की दिशा खोज लेते हैं। मौजी ऐसे वक्त पर जब-जब इस जगह से निकलता है उसे वर्शों पुरानी घटना ताजा हो जाती है, जब वह पहले पहल इस गाँव में आया था। पत्नी गंगो उर्फ पचरायवारी उसके साथ थी, भाई रन्धीरा तथा दो बच्चों कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें मौजी अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी रामगोपाल तिवारी फॉलो