बुघ्घ वचन - ओशो वाणी Sonu dholiya द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें आध्यात्मिक कथा किताबें बुघ्घ वचन - ओशो वाणी बुघ्घ वचन - ओशो वाणी Sonu dholiya द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 507 2k प्रवचनमाला-- मरौ है जोगी मरौप्रवचन नं---1भाग----8...बुद्ध के पास एक आदमी आया। उसने कहा. जो नहीं कहा जा सकता, वही सुनने आया हूं। बुद्ध ने आंखें बंद कर लीं। बुद्ध को आंखें बंद किये देख वह आदमी भी आंख बंद ...और पढ़ेबैठ गया। आनंद पास ही बैठा था—बुद्ध का अनुचर, सदा का सेवक—सजग हो गया कि मामला क्या है? झपकी खा रहा होगा, बैठा—बैठा करेगा क्या। जम्हाई ले रहा होगा। देखा कि मामला क्या है? इस आदमी ने कहा, जो नहीं कहा जा सकता वही सुनने आया हूं। और बुद्ध आंख बंद करके चुप भी हो गये और यह भी आंख कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Sonu dholiya फॉलो