Ek Samundar mere andar - 18 book and story is written by Madhu Arora in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ek Samundar mere andar - 18 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
इक समंदर मेरे अंदर - 18
Madhu Arora द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां
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विवरण
इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (18) प्राइवेट कंपनियां ज्य़ादा इंतज़ार नहीं करतीं। इसीलिये वे प्रशिक्षित कर्मचारी चाहती हैं, भले ही वेतन ज्य़ादा देना पड़े। उसे पहली नौकरी का अनुभव तो था ही। यहां काम करने का तरीका थोड़ा अलग था। उसने साबिया से कहा – ‘ज़रा टेलीफोन बोर्ड के तार जॉइन करना बता दे।‘ उन दिनों एपीबीएक्स बोर्ड पर प्लगसहित तार हुआ करते थे जिन्हें बोर्ड पर लगे छेदों में डालकर संबंधित इंटरनल कर्मचारी से बात करवाई जाती थी। बाहर से आने वाले फोन के लिये लाल लाइट चमकती थी। बोर्ड पर हर पिन के आगे एक्स्टेंशन लिखे होते
इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा दिवंगत अम्मां-पिता बिमला और प्रेमचंद चतुर्वेदी की स्मृति को समर्पित अपनी बात ....उबरना स्वयं से.... मैं यह तो नहीं कहूं...
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