Gandhiji ke ve pyare teen bandar book and story is written by Annada patni in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Gandhiji ke ve pyare teen bandar is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. गांधीजी के वे प्यारे तीन बंदर Annada patni द्वारा हिंदी लघुकथा 4 2k Downloads 18.3k Views Writen by Annada patni Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गांधी जी के वे प्यारे तीन बंदर अन्नदा पाटनी दरवाज़े पर अजीब सी दस्तक सुनाई दी । देखा तो तीन बंदर थे । मैं डर गई, बोली," अरे तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? जाओ छत पर जाओ और वहीं कूदो फाँदो ।" दरवाज़ा बंद करने जा ही रही थी कि वे बोले," हम वह बंदर नहीं है । स्पेशल बंदर हैं । हम गांधी जी के बंदर हैं ।" "क्या गांधी जी के बंदर हो ? क्या मतलब ?" तभी तीनों ने अपने अपने हाथ मुँह पर, आँख पर और कान पर रख कर चिरपरिचित पोज बना लिए More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी