Bita hua kal book and story is written by Gopal Mathur in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bita hua kal is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. बीता हुआ कल Gopal Mathur द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1.7k 4.1k Downloads 19.3k Views Writen by Gopal Mathur Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बीता हुआ कल गोपाल माथुर रात शाम की दहलीज पर आते आते ठिठक गई थी. शाम ने उसे रोक रखा था. पर केवल रात ही नहीं, बहुत कुछ ठिठका हुआ था. लग रहा था कि ठिठके हुए इस समय से अलग भी कोई अन्य समय था, जो भीतर आने के लिए दस्तक दे रहा था, लेकिन दरवाजा खोलने वाला कोई नहीं था. मुझे पता था कि देर सबेर मुझे हीे दरवाजा खोलना ही पड़ेगा. यहाँ आने से पहले मेरा मन उत्साह से भरा हुआ था. दस बरस बाद मैं एक बार फिर अपने पुराने दोस्तों से मिलूँगा, जो काॅलेज की More Likes This ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana Middle Class Boy द्वारा Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 द्वारा M choudhary अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी