pati prem ki book and story is written by Dr Jaya Anand in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. pati prem ki is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पाती प्रेम की Dr Jaya Anand द्वारा हिंदी लघुकथा 14 1.8k Downloads 10k Views Writen by Dr Jaya Anand Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पाती प्रेम की मेरे प्रिय ! ' मेरे ' …..,कितना अच्छा लग रहा है मुझे कि किसी को मैं अपना कह कर बुला सकती हूँ । किसी पर मेरा पूर्ण अधिकार ..जिससे मैं खुल कर हर बात कह सकती हूँ ऐसा कोई मुझे मिल गया … तुम्हारी सुनयना ये पहली प्रेम की पाती लिखी थी सुनयना ने उसको जिसे वो खुलकर अपना कह सकती थी…... सुनयना बहुत खुश थी ...उसकी सगाई हो गयी थी । घर परिवार के सभी लोग खुश थे । माँ पापा ने शादी तय की थी और उनकी पसंद सुनयना की पसंद बन गयी । सगाई वाले दिन हर्षित ने सुनयना को अंगूठी More Likes This मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha शैतान का कुचक्र - 1 द्वारा LM Sharma सारथी द्वारा Lo t u s Mohabbat ya Dhokha - 1 द्वारा aruhi टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 1 द्वारा Sonu Kasana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी