पूर्णता की चाहत रही अधूरी - 20 - अंतिम भाग Lajpat Rai Garg द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें पूर्णता की चाहत रही अधूरी - 20 - अंतिम भाग पूर्णता की चाहत रही अधूरी - 20 - अंतिम भाग Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ (13) 312 1.6k पूर्णता की चाहत रही अधूरी लाजपत राय गर्ग बीसवाँ अध्याय नीलू को कॉलेज आये अभी एक हफ्ता ही हुआ था कि एक दिन जब शाम को वह हॉस्टल पहुँची तो उसे अपने नाम डाक से आया एक लिफ़ाफ़ा मिला। ...और पढ़ेवाले का कोई नाम-पता नहीं लिखा था। भेजने वाले पोस्ट ऑफिस की स्टैम्प शिमला की थी। उसने लिफ़ाफ़ा फाड़कर पत्र निकाला। पत्र दो पंक्तियों का था - नीलू, तुझे शायद अभी तक पता नहीं होगा, मीनाक्षी तेरी बड़ी बहिन नहीं बल्कि मम्मी है। तू मीनाक्षी की नाजायज औलाद है। - कैप्टन प्रीतम सिंह। ‘नाजायज औलाद’ को रेखांकित किया हुआ था। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें पूर्णता की चाहत रही अधूरी - उपन्यास Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी - प्रेम कथाएँ (165) 9.5k 27.5k Free Novels by Lajpat Rai Garg अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Lajpat Rai Garg फॉलो