उर्वशी - 20 Jyotsana Kapil द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें उर्वशी - 20 उर्वशी - 20 Jyotsana Kapil द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (24) 953 2k उर्वशी ज्योत्स्ना ‘ कपिल ‘ 20 " हद है बचपने की। उधर शौर्य दिन रात पछता रहा है, खुद को सज़ा दे रहा है। इधर आप अपनी जिद पर अड़ी हैं। न जाने किस किस को सज़ा दे रही ...और पढ़ेशौर्य को, हमें, खुद को, अपने परिवार को, और शायद अपने आने वाले बच्चे को भी। " वह आवेश में बोलते रहे और वह सुनती रही। अंत मे उन्होंने एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को बुला ही लिया। डॉक्टर ने उसका चेकअप किया, कुछ आवश्यक प्रश्न किये। फिर उन्हें बुलाकर बताया कि थोड़ी पेचीदगियां हैं। बी पी बढ़ा हुआ है। वह कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उर्वशी - उपन्यास Jyotsana Kapil द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (612) 34.3k 61.9k Free Novels by Jyotsana Kapil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Jyotsana Kapil फॉलो