दो बाल्टी पानी - 25 Sarvesh Saxena द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें हास्य कथाएं किताबें दो बाल्टी पानी - 25 दो बाल्टी पानी - 25 Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी हास्य कथाएं (12) 1.7k 6.2k उधर सरला ने सुनील की चारपाई हिलाते हुए आवाज दी “ लल्ला...ओ लल्ला... उठ जा रे...बहुत सो लिया” | सुनील ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी | सरला ने फिर आवाज लगाई “ अरे उठ जा अब, तूने तो मेरा ...और पढ़ेहराम कर लिया, रात भर वहां चुडैल के साथ नैन मटक्का करेगा और दिन चढे सोयेगा” | इस बार भी सुनील नही जगा तो सरला ने चारपाई पर जोर से लात मारी तो चारपाई घूम गई और सुनील हड्बड़ा के उठ् पड़ा, रात भर जगे सुनील की आंखों में नींद भरी थी और रात भर जगने चिल्लाने फड़फड़ाने के कारण कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें दो बाल्टी पानी - 25 दो बाल्टी पानी - उपन्यास Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी - हास्य कथाएं (498) 103.2k 282.4k Free Novels by Sarvesh Saxena अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Sarvesh Saxena फॉलो