khilvat book and story is written by Mukta Joshi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. khilvat is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. खिलवत Mukta Priyadarshani द्वारा हिंदी लघुकथा 7.7k 2.6k Downloads 12k Views Writen by Mukta Priyadarshani Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण झुर्रियों से भरी देह, पके हुए बाल, थकी हुई आँखें, पसीने से लथपथ जगह-जगह से फ़टी हुई कमीज़, माथे से टपकती मेहनत की बूंदें और कमज़ोर, बेबस व पीड़ा से कराहते पैर जो शक्तिहीन होते हुए भी रिक्शे को ढकेल रहे थे। अंधेरा हो गया था, दूर-दूर तक किसी सवारी का मिलना नामुमकिन था। खैर मदन काका के लिए ये कोई नयी बात नहीं थी। वह रोज़ इस समय लाला जी की बिटिया को मैट्रो स्टेशन से बंगले तक पहुँचाते हैं और बंगले से युनिवर्सिटी तक के बाहर लगे चाय की टपरी तक आते हैं। एक गिलास चाय पी कर More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी