uthate kyo nahi kasim bhai? book and story is written by Priyadarshan Parag in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. uthate kyo nahi kasim bhai? is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. उठते क्यों नहीं कासिम भाई? Priyadarshan Parag द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1 1.8k Downloads 10.9k Views Writen by Priyadarshan Parag Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उठते क्यों नहीं कासिम भाई? प्रियदर्शन मुर्गे की तेज़ बांग से अकचका कर उठे कासिम भाई। कमबख़्त इस महानगर में कब से बोलने लगा मुर्गा। आदतन घड़ी पर नज़र पड़ी- अरे, वह भी सुबह के साढ़े आठ बजे? फौरन माज़रा समझ में आ गया। मुर्गा नहीं, उनका मोबाइल बोला था। कमबख़्त उनके छोटे बेटे ने चुपके से उनके मोबाइल पर अपनी पसंदीदा रिंग टोन लगा दी थी। सातवीं में पढ़ता है और मोबाइल कंप्यूटर के कल-पुर्जे से लेकर प्रोग्राम तक ऐसे जोड़ता बदलता है जैसे अम्मी की कोख से सीख कर निकला हो। मुर्गा अब भी बोल रहा था। कासिम More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी