ये दिल पगला कहीं का - 15 Jitendra Shivhare द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें ये दिल पगला कहीं का - 15 Ye Dil Pagla kahin ka - 15 book and story is written by Jitendra Shivhare in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ye Dil Pagla kahin ka - 15 is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ये दिल पगला कहीं का - 15 Jitendra Shivhare द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 1.2k 4.3k ये दिल पगला कहीं का अध्याय-15 कोई बात नहीं दीपक। आपकी असहमती मुझे स्वीकार है। मैंने अपने हृदय की बात आपसे कह दी। मेरे लिए यही बहुत बड़ी बात है। अवन्तिका कहकर जाने लगी। रूको अवन्तिका! ...और पढ़ेदिपक ने कहा। अवन्तिका पुनः पलट गयी। अन्य शिक्षक अब दीपक के अगले कदम पर अपनी पैनी नज़र गढ़ाये हुये थे। तुमसे पहले अगर मैं अपने दिल की बात कहता तब शायद हो सकता था अन्य लोग तुम पर इसे मेरी मेहरबानी समझते। दीपक बोला। अवन्तिका हैरत में थी। हां अवन्तिका! मैं भी तुमसे प्रेम करता हूं। बस पहले तुम्हारे मुख से सुनना चाहता कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें ये दिल पगला कहीं का - 15 ये दिल पगला कहीं का - उपन्यास Jitendra Shivhare द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ (32) 26.8k 87.6k Free Novels by Jitendra Shivhare अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी