रोबोट वाले गुण्डे -5 राज बोहरे द्वारा कल्पित-विज्ञान में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कल्पित-विज्ञान किताबें रोबोट वाले गुण्डे -5 रोबोट वाले गुण्डे -5 राज बोहरे द्वारा हिंदी कल्पित-विज्ञान 894 4.8k प्रोफेसर सर्वेश्वर दयाल को नगर की हलचलो से कुछ मतलब न था, वे जब खूब आराम चाहते थे तो किसी नदी का किनारा खोजते थे और दिनभर वही आसन जमाये रहते थे। ...और पढ़े एसा ही उस दिन हुआ। वे अपने एक नौकर को लेकर पास बहने वाली नदी ”शरबती“ के किनारे पहुँच गये और दूब से भरे मैदान में दरी बिछाकर लेट गये। नौकर ने पास लाकर टेप चला दिया, जिससे धीमा-धीमा संगीत निकलकर वातावरण को संगीतमय बनाने लगा था। प्रोफेसर दयाल आसमान की ओर ताकते चुपचाप लेटे थे। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें रोबोट वाले गुण्डे -5 रोबोट वाले गुण्डे - उपन्यास राज बोहरे द्वारा हिंदी - बाल कथाएँ (22) 8.2k 37.6k Free Novels by राज बोहरे अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी राज बोहरे फॉलो