kuchh dur talak book and story is written by Niyati Kapadia in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. kuchh dur talak is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कुछ दूर तलक Niyati Kapadia द्वारा हिंदी कविता 11 1.2k Downloads 3.8k Views Writen by Niyati Kapadia Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कुछ दूर तलक आज यूं ही निकल पड़ी थीथोड़ी देर बाद में रुकीपिंछे मुड़कर देखा तो,वहां कोई नहीं था।कोई भी नहीं।कहा चले गए वो सब लोग?जिन्हे में जानती थीयहां तो कोई भी नहीं है!में थोड़ी देर और रुकी रहीशायद कोई पींछे आ रहा हो।फिर में क्या करती थोड़ी और आगे बढ़ चलीरुकना, ठहरना, किसिकी राह देखना ये सब मुझे कभी गंवारा नहीं थाआज भी नहीं है। अकेली ही चल पड़ी हूं अनजान राहो परपता है इसमें मजे की बात क्या है?में खुश हूं!एक नन्ही सी तितली और कुछ जंगली फूल ये मुझे घुरे जा रहे हैमानो उन्हें यकीन नहीं हो रहा आज भी कोई More Likes This मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave मेरे शब्दों का संगम द्वारा DINESH KUMAR KEER हाल ए दिल द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी