Tamasha. book and story is written by PANKAJ SUBEER in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tamasha. is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. तमाशा. PANKAJ SUBEER द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 12 2.5k Downloads 10.9k Views Writen by PANKAJ SUBEER Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण तमाशा (कहानी - पंकज सुबीर) नमस्कार, कोई सम्बोधन इसलिये नहीं दे रहीं हूँ क्योंकि आपके लिये मेरे पास कोई सम्बोधन है ही नहीं। जब अपने चारों तरफ नज़र दौड़ाती हूं तो पाती हूं कि वे सभी जो मेरे आस पास हैं उनके लिये मेरे पास एक उचित सम्बोधन भी है किन्तु आपके लिये ...? आपके लिये तो मेरे पास कुछ भी नहीं है, न भावनाएँ और ना ही सम्बोधन। वैसे अगर रिश्तों की परिभाषाओं के मान से देखा जाए तो आपके और मेरे बीच में भी एक सूत्र जुड़ा है मगर मैं उस सूत्र को नहीं मानती इसीलिये ये पत्र More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी