Karn book and story is written by Amar Gaur in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Karn is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कर्ण Amar Gaur द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 4 1.4k Downloads 6.4k Views Writen by Amar Gaur Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सुबह की सुहानी धूप में बैठ पंकज चाय की चुस्कियों का आनंद ले ही रहा था की तभी उसकी मां भागी भागी आई और बोली कि बहू की हालत खराब हो गई है, इसी वक़्त हस्पताल ले जाना पड़ेगा । पंकज बेतहाशा शारदा के कमरे की ओर दौड़ा और उसे बाहों में लेकर जल्दी से कार में बैठाकर हस्पताल की ओर चल दिया । हस्पताल पहुंचते ही इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करवाया और डाक्टर साब को तलब किया गया । डॉक्टर ने आकर शारदा की जांच की और बोले - " ऑपरेशन करना पड़ेगा "। शारदा को तुरंत ऑपरेशन थियेटर More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी