Trishunk book and story is written by Pawan Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Trishunk is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. त्रिशंकु Pawan Singh द्वारा हिंदी लघुकथा 8 1.5k Downloads 5k Views Writen by Pawan Singh Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आज फिर अम्मा और धर्म पत्नी में वादविवाद हो रहा था ।वजह कुछ खास नहीं थी,अम्मा सुवह जल्दी उठ गयीं थीं और पत्नी की आंख लग गई थी बस रेडियो विविध भारती चालू हो गया था ।दुनिया उठ गयी है सूरज कहां से कहां पहुँच गया है ,लेकिन रानी जी की नींद अभी तक पूरी नहीं हुुई है, अम्मा ने तरकश से पहला तीर छोड़ा ।तुम तो अम्मा चार बजे से ही उठ कर बैैठ जाती हो,हमें इतने सवेरे नहीं उठा जाता है, रात के ग्यारह बजे तक काम करने के बाद नींद तो आ ही जाती है ।'पत्नी ने More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी