CHIR NIDRA book and story is written by Pranava Bharti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. CHIR NIDRA is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. चिरनिद्रा Pranava Bharti द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 7 2.2k Downloads 9.3k Views Writen by Pranava Bharti Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण चिरनिद्रा ------------ डाकघर में बैठी वह अपनी निस्तेज आँखों को यूँ ही इधर उधर घुमाने लगी।युवा चेहरे कम थे, उसके जैसे भी कुछेक ही ,अधिक चेहरे बेचारगी से मुरझाए हुए से ! जैसे उन चेहरों को ताउम्र ऊबड-खाबड रास्तों पर चलते हुए उनकी ऊर्जा का सारा सत निचोड़कर आशाओं को सूने कमरे की खूँटी पर टाँग दिया गया था ।काँपते हाथों से डाकघर के किसी फ़ार्म पर हस्ताक्षर करने के लिए डेस्क पर झुके हुए चेहरों के बदन भी कँपकँपा से रहे थे | किसी उम्रदराज़ के साथ कोई आया था तो कोई बेचारा लाठी टेकते हुए More Likes This एक समय ऐसा भी आएगा - 1 द्वारा Wow Mission successful रौशन राहें - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi अहम की कैद - भाग 1 द्वारा simran bhargav भूलभुलैया का सच द्वारा Lokesh Dangi बदलाव ज़रूरी है भाग -1 द्वारा Pallavi Saxena आशा की किरण - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी