KIS MUKAM TAK book and story is written by HARIYASH RAI in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. KIS MUKAM TAK is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. किस मुकाम तक HARIYASH RAI द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 1 2.4k Downloads 6.7k Views Writen by HARIYASH RAI Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण किस मुकाम तक हरियश राय “मैं बैठ सकता हूं यहां ।’ उन्होंने सकुचाते हुए मुझसे पूछा । लंबा कद । सिर पर गोल टोपी । बेतरतीब ढंग से बढ़ी हुई दाढ़ी । लंबा सफेद कुर्ता, कुर्ते के ऊपर नेहरू कट जॉकेट, टखनों से ऊपर की सलवार, पैरों में चमड़े के जूते, चेहरे पर मासूमियत । पचास–पचपन वर्ष के आसपास उम्र रही होगी । उन्हें देखकर टैगोर की कहानी काबुलीवाला के पठान की याद हो आई थी । यह अस्पताल का रिसेप्शन हॉल था । मंैने अख़बार से अपना ध्यान हटाते हुए कहा, “जरूर बैठिये ।’’ मैंने साथ वाली कुर्सी More Likes This तेरी मेरी यारी - 5 द्वारा Ashish Kumar Trivedi आखेट महल - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil कहानी फ्रेंडशिप की - 1 द्वारा Shahid Raza मीरा प्रेम का अर्थ - 3 - माधव की मीरा द्वारा sunita maurya द्वारावती - 41 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave तमस ज्योति - 1 द्वारा Dr. Pruthvi Gohel इंद्रप्रस्थ - 2 द्वारा Shakti अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी