Dhwaniyo ke daag book and story is written by Kalpana Bajpai in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dhwaniyo ke daag is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ध्वनियों के दाग कल्पना मनोरमा द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1.6k 1.9k Downloads 7.5k Views Writen by कल्पना मनोरमा Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण “संयक्त परिवार में अक्सर दोपहर तक के घर के काम निपटाते- निपटाते औरतें थककर चूर हो जातीं हैं , तो उन्हें लगता कि उनके बच्चे भी थोड़ी देर उनसे दूर रहें, उनके पास न आएँ लेकिन साथ में प्राथमिक शिक्षा भी उन्हे मिलती रहे |” नादान की ताई यानी कि बड़ी मम्मी और दादी चर्चा-मग्न थीं | बैठक से पानी पीने आये नादान के दादा जी विनोद ने ठिठककर जब सुना तो वे बिना सोचे- समझे बोल पड़े “अच्छा ये बात है तो कल से दोपहर के बाद घर के सभी बच्चे मेरे पास लॉन में पड़े तख़्त पर ही More Likes This ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana Middle Class Boy द्वारा Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 द्वारा M choudhary अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी