aama ke kshama karo book and story is written by Rita Gupta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. aama ke kshama karo is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. आमा के ख़मा करो Rita Gupta द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 4 2.1k Downloads 7.4k Views Writen by Rita Gupta Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आमाके ख़मा करो प्रबीर ने उसदिन बाबा को अकेले में बड़बड़ाते हुए पाया था. कमरे में दरवाजे की तरफ पीठ किये बैठे बाबा को अकेले में खुद से बाते करतें देख प्रबीर का मन भर आया था. उन की इस अकेलेपन का वह क्या करें, यह सोच प्रबीर का मन भर आया. “माँ को गए तो अभी बमुश्किल दो महीने ही हुए होंगे. अब लाजिमी है कि उनकी कमी खलेगी ही”, प्रबीर की भी आँखे भर आई थी. “बाबा! अन्धोकारे की कोरछो?”, प्रबीर ने बाबा के काँधे पर हाथ रखते हुए बांग्ला में पूछा तो More Likes This मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१) द्वारा Kaushik Dave बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी