Bhujaye book and story is written by Hrishikesh Sulabh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bhujaye is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. भुजाएँ Hrishikesh Sulabh द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 3 1.6k Downloads 9k Views Writen by Hrishikesh Sulabh Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण भुजाएँ हृषीकेश सुलभ अष्टभुजा लाल को अपने बीते हुए दिनों के बारे में सोचना अच्छा नहीं लगता. बीते हुए दिनों की बात याद आते ही उन्हें मितली आने लगती है. उन्हें लगता है, जैसे अपनी पत्नी के वार्डरोब में बंद हो गए हों. इस वार्डरोब की याद उनके लिए किसी बजबजाते दुर्गन्धमय नाले में गिर जाने की तरह यातनाप्रद होती है. इस यातना से मुक्ति के लिए वह लगातार हाथ-पाँव मार रहे हैं. आकुल-आहत छटपटा रहे हैं. जबसे उन्होंने अपनी पत्नी का वार्डरोब देखा है, जीवन के बीते हुए दिनों के अजीब-अजीब चित्र उनके मन में बनते हैं. किसी डरावने स्वप्न की More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी