प्रेम-जगत Shivraj Anand द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें प्रेम-जगत Prem jagat book and story is written by Shivraj Anand in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Prem jagat is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. प्रेम-जगत Shivraj Anand द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 1.3k 6.3k ( 'प्रेम जगत 'संसार का रंगमंच है और हम सभी इस रंगमंच के पात्र।)विज्ञो का मत है की आदि मानव ने प्रेम की आदिम आग की उष्णता से सृस्टि की रचना की 'आदम ...और पढ़ेहौवा या ,मनु और शतरूपा ने बाव संवेदन धड़कते प्रेम भावना के लिए स्वर्ग के संवेदन हित आनदं रस को नही अपितु जगत के कठोर जीवन को अपनाया | ओ- ढोलमारो , लैला मजनू , रोमिओ -जुलियर ,हीर -राँझा , की प्रेम कथाये तो यही रेखांकित करती है की प्रेम ही जीवन का सार है, प्रेम विहीन जगत वीरान है| इसी प्रेम के वशीभूत (जगत बनाने वाले ) माता (प्रकृति) व पिता (पुरुष) जगत का निर्माण किया । अतः उन्हें मेरा सहस्त्रो बार प्रणाम ! परिवारिक सुख आकाश में घटाओ के सदृस होता है| सुख उत्पन्न होता है पर चिर कल तक स्थिर नही होता उन घटाओ के सदृश ही छिप जाता है 'वर्षो से मेरे आँगन में एक अंगना नही जिससे मेरी आँगन सुनी है । 'ऐसा ही विचार कर 'मनीलाल ' अपने पुत्र (मधुसूदन ) क विवाह कर रहे है । असलबात मधुसूदन जब १० वर्ष का था, तब उसकी 'जन्म जननी' दुनिया से चल बसी । वह माँ की ममता को न पा सका- माँ की ममता उसके लिए आसमान के कुसुम हो गई ।' मनीलाल' मंजोलगढ़ के एक ईमानदार पुरुष है । वे सबको एक आँख से देखते है । पत्नी मृत्यु के बाद उनके आंखों से खून उतर आता - है बस याद आती ... कमर तोड़ जाती । बस उसी के याद को भुलाने और दुःख के आंसु को सुख में बदलने के लिए ही वे अपने पुत्र का विवाह कर रहे है ।मधुसूदन का विवाह सुमन के साथ हो रहा है । 'सुमन' एक सजिली लड़की है । वह विदितनारायण की पुत्री है । 'विदित नारायण' भले व नेक इंसान है ।वे प्रेमगढ़ के सकुशल व्याक्ति हैं । आखिर एक दिन मधुसूदन की बारात प्रेमगढ़ के लिए निकल पड़ती है और लोगो की इंतजार की घड़िया ख़त्म हो जाती है । प्रेमगढ़ एक मनभावन नगर है। , किन्तु मधुसूदन की बारात ने उस नगर की ओर सजा दिया है उस जन -संकुल नगर में अति चहल -पहल है । मधुसूदन के माथ पर सुन्दर सेहरा है । जिससे मधुसूदन अति प्रसन्नचित है । वहां का विशद ए नूर अनुपम है । धरती के आसमा तक शहनाइओ की ध्वनि गूंज रही है , तारे गण आकाश में टिमटिमा रहे हैैं मानों सबके खुशीयों में झूम रहे हों । (कुछ देर बाद) पुरोहित द्वारा शिव ,गौरी व गणेश जी की पूजा कराइ जा रही है । वहीं सुहागिन स्त्रियों मंगल गान गा रही हैं । जिससे आये सभी ऐ कुटुम्ब जन आनंदित हो रहे हैं। (धीरे- धीरे द्वार चार की रीति- रस्म पूर्ण हो जाती है) वही एक सुंदर जनवासा है जिसमे आये सभी बारातियों की मंडली क्रमशः बैठी है । उन सबकी नज़र (सामने) दूल्हे और दुल्हन पर एक टक लगी है । वे सब उनके मुस्कान भरे चेहरे को देखकर बरबस ही मोहित हो रहे हैं। ख़ैर सुंदरता किसे नही मोहित कर लेती । आज 'सुमन' बारहों भूषणो से सजी है । उसके पैरों में नुपुर के साथ किंकिनि है । उसके हाथों में कंगन के साथ चुड़िया हैं। उसके गले में कण्ठश्री है । बाहों में बसेर बिरिया के साथ बाजूबंद है । माथे पर सुन्दर टिका के साथ शीस में शीस फूल है । उसे देख कर ऐसा लग रहा मानो 'सुमन' नंदन की परी हो..... जो श्रृंगार- रस और सौंदर्य का मिलन हुआ है | अब प्रभात की सुमधुर बेल में सुमन व मधुसूदन सात फेरो के पवित्र बंधन में बध रहे हैैं ।उनके इस बंधन के साक्षी अग्निदेव है । वहीं अपने कुलानुसार लाई -परछन और नेक चार का रीती रस्म पूर्ण होता है । हालाँकि सुमन के अपने कोई भाई नहीं है तब भी मंगला नाम का ब्यक्ति अपने आप को कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें प्रेम-जगत अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी