Pashchatap book and story is written by Renu Gupta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pashchatap is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पश्चाताप Renu Gupta द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5 2.1k Downloads 16.7k Views Writen by Renu Gupta Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पश्चाताप रात के बारह बज रहे थे, लेकिन राधारमण जी की आंखों से नींद मानो कोसों दूर थी। पलंग पर बड़ी बेचैनी से वह करवटें बदल रहे थे। घर में वह बिल्कुल अकेले थे। पत्नी लोला स्थानीय क्लब के वार्षिक समारोह में गई हुई थी। बेटा अनिरुद्ध तो रात के एक बजे से पहले कभी घर लौटता ही नहीं। रोज अपने मनचले दोस्तों की मंडली के साथ डिस्कोथेक, पिक्चर, पार्टियों में व्यस्त रहता। बेटी प्रिया भी जवानी के जोश में डिस्कोथेक, दोस्तों, पार्टियों में व्यस्त रहा करती तथा रात के बारह बजे से पहले कभी घर नहीं लौटती। More Likes This घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी