दो बाल्टी पानी - 11 Sarvesh Saxena द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें हास्य कथाएं किताबें दो बाल्टी पानी - 11 दो बाल्टी पानी - 11 Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी हास्य कथाएं (22) 994 1.6k पिंकी धीरे से नीचे उतर कर आती है तोसुनील आवाज को दबाते हुए मुंह पर हाथ रख कर बोला - "अरे यार क्या करती हो कितनी देर से हम मुर्गे की तरह एक टांग पर खड़े हैं और तो ...और पढ़ेतुम्हारी अम्मा लाठी और पड़वा देती हमे सांप बताकर" |पिंकी - "चुप करो.. अब रात भर नींद नहीं आएगी तो सुबह जल्दी कैसे जागेंगे, हां बोलो.."|सुनील - "तो रात भर नींद क्यूँ नहीं आती"|पिंकी - "तुम जो हो.. तुम्हें चैन कहां है? चले आते हो हमारे सपनों में भी |सुनील फूल के गुब्बारा हो गया और बोला - "हाय.. कसम कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें दो बाल्टी पानी - उपन्यास Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी - हास्य कथाएं (439) 49.9k 79.2k Free Novels by Sarvesh Saxena अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Sarvesh Saxena फॉलो