Aur manav dharm ban na saka book and story is written by Neelam Kulshreshtha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aur manav dharm ban na saka is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. और मानव धर्म बन ना सका Neelam Kulshreshtha द्वारा हिंदी लघुकथा 5 1.9k Downloads 5.6k Views Writen by Neelam Kulshreshtha Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "---------और मानव धर्म बन ना सका " नीलम कुलश्रेष्ठ एक अंतरराष्ट्रीय एन. जी. ओ. ने संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय के निकट की एक इमारत में स्थित एक कम्पनी के बोर्ड रूम में विश्व के सभी धर्मो के धर्म गुरुओं को आमंत्रित किया.ये एन जी ओ अलग अलग देशों के एक सी विचारधारा वाले संवेदनशील व्यक्तियों का संगठन था.विश्व के किसी भी कोने में धर्म के नाम पर दंगा फ़साद होता तो ये द्रवित हो जाते.धर्मनिरपेक्ष विश्व की कल्पना करने वालों ने इस सम्मेलन का आयोजन इसलिए किया था कि ये धर्मगुरु एक सार्वभौमिक `मानव धर्म` की परिकल्पना More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी