Geedad or dhunki ki lok-katha book and story is written by Vijay Singh Tyagi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Geedad or dhunki ki lok-katha is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. गीदड़ और धुनकी की लोक-कथा Vijay Singh Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 5 1.6k Downloads 10.7k Views Writen by Vijay Singh Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गीदड़ और धुनकी की लोक-कथा एक जंगल में एक बड़ा ही चालाक और दबंग गीदड़ रहता था। जंगल के सभी गीदड़ उससे डरते थे , इसलिए सारे जंगल में वह निर्भय होकर घूमता था। अपनी चालाकी का उसे बड़ा घमंड था। एक दिन गीदड़ मदमस्त होकर झूमता हुआ शिकार की तलाश में निकला। चलते-चलते वह काफी दूर किसी दूसरे जंगल में निकल गया। उस जंगल की भौगोलिक परिस्थिति के बारे में वह बिल्कुल अनभिज्ञ था। वह एक ऐसे स्थान पर पहुंच गया, जहां नील बनाने का काम होता था। वहां नील बनाने के लिए कुंड बने हुए थे, जिनमें नील More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी