दो बाल्टी पानी - 9 Sarvesh Saxena द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें हास्य कथाएं किताबें दो बाल्टी पानी - 9 दो बाल्टी पानी - 9 Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी हास्य कथाएं (11) 1.9k 5.4k कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि गांव में कुछ दिन बिजली ना आने के कारण गांव वाले परेशान हो जाते हैं और मिश्राइन अपने मायके जाने के लिए कहती हैं जिससे मिश्रा जी नाराज हो जाते हैं ...और पढ़ेआगे…. ठकुराइन - "अरे स्वीटी… ओ स्वीटी…" |स्वीटी - "हां अम्मा…" |ठकुराइन - "अरे बिटिया.. जब देखो तब छत पर टंगी रहती हो का छत तोड़ेगी, नीचे आओ कुछ हाथ बटाओ.." |स्वीटी - "अभी आई.. मां.." |स्वीटी शाम को छत पर टहलने जरूर जाती थी और सच तो यह था कि उसके घर से गुप्ता जी का घर बिल्कुल साफ दिखता कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें दो बाल्टी पानी - 9 दो बाल्टी पानी - उपन्यास Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी - हास्य कथाएं (498) 80.3k 229k Free Novels by Sarvesh Saxena अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Sarvesh Saxena फॉलो