इस अध्याय में जय ने अपने आप को नियंत्रण में रखा, हालांकि वह इंद्र को उसके धोखे के लिए जवाब दे सकता था। उसने अपने पिता से सवाल नहीं किया कि क्यों वृंदा को हैमिल्टन के पास भेजा गया। जय ने यह निर्णय लिया कि वह चुप रहेगा और हैमिल्टन को सज़ा देने की योजना बनाएगा, साथ ही वृंदा को अपनी निष्ठा साबित करना चाहता था। इंद्र के जाने के बाद, जय मदन से मिलने गया ताकि अपनी बेगुनाही साबित कर सके। मदन ने जय को देखकर गुस्सा किया, लेकिन जय ने तर्क दिया कि यदि वह दोषी होता तो यहाँ नहीं आता। जय ने मदन को बताया कि उसने वृंदा के गुनहगार का पता लगा लिया है और उसे अपने साथ ले जाने के लिए कहा। जय ने मदन को गोमती नदी के किनारे ले जाकर सब बताया। मदन ने जानने की कोशिश की कि वृंदा को किसने पुलिस के हाथों पकड़वाया। जय ने बताया कि इंद्र ने पुलिस को खबर दी थी। इंद्र ने जय के पिता के रसूख का फायदा उठाकर उसे दोस्ती में शामिल किया था, लेकिन जय का वृंदा के प्रति झुकाव इंद्र के लिए समस्या बन गया था। जय ने मदन से कहा कि अब वह अपनी ज़िंदगी को बेकार नहीं करेगा और देश की भलाई के लिए काम करेगा। यह उसके जीवन का नया लक्ष्य है। अध्याय के अंत में, जय ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए और उठकर खड़ा हो गया। कर्म पथ पर - 18 Ashish Kumar Trivedi द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 4 2.4k Downloads 6.9k Views Writen by Ashish Kumar Trivedi Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कर्म पथ पर Chapter 18सब जानने के बाद भी जय ने खुद को काबू में कर लिया था। वह चाहता तो उसी समय इंद्र को उसके धोखे के लिए खरी खोटी सुनाई सकता था। अपने पापा से सवाल कर सकता था कि अपने रुतबे में एक उपाधि जोड़ने के लिए उन्होंने वृंदा को उस दरिंदे हैमिल्टन के पास क्यों पहुँचा दिया। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वह जानता था कि अभी ऐसा करने पर ये लोग उसे दबा देंगे। वह हैमिल्टन Novels कर्म पथ पर Chapter 1सन 1942 का दौर था। सारे देश में ही अंग्रेज़ों को देश से बाहर कर स्वराज लाने का प्रबल संकल्प था। देश को अंग्रज़ों की... More Likes This गड़बड़ - चैप्टर 2 द्वारा Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 द्वारा अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 द्वारा Jagmal Dhanda अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी