ye lamha guzar jane do book and story is written by Garima Dubey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. ye lamha guzar jane do is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ये लम्हा...... गुज़र जाने दो Garima Dubey द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5 1.7k Downloads 7.9k Views Writen by Garima Dubey Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ये लम्हा...... गुज़र जाने दो डॉ. गरिमा संजय दुबे "तुम समझ रही हो मैं क्या कह रहा हूँ ", सुबकती हुई बिंदु को विनोद ने झकझोरते हुए कहा, "अब कोई चारा नहीं रहा, ज़िन्दगी हाथ से फिसल चुकी है । मैं अपने परिवार को दर दर की ठोकरें खाते नहीं देख सकता । तुम्हे एक चीज़ की समझ नहीं है, अगर मैं अकेला चला जाऊंगा तो इस बच्चे को लेकर कहाँ कहाँ भटकोगी, सब साथ चलते हैं, कोई नहीं रहेगा तो किसी को तकलीफ़ नहीं होगी"। रोते रोते थर थर कांपने लगी थी बिंदु, सिसकियाँ हिचकियों में बदल गई थी More Likes This जिंदगी के रंग - 1 द्वारा Raman रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी