zimmedaar book and story is written by Pranava Bharti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. zimmedaar is also popular in Children Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ज़िम्मेदार Pranava Bharti द्वारा हिंदी बाल कथाएँ 6 1.7k Downloads 5k Views Writen by Pranava Bharti Category बाल कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बड़ी माता जी की आँखों में मोतियाबिंद उतर आया ,उन्हें देखने में परेशानी होने लगी | "आप ऑपरेशन क्यों नहीं करा लेतीं ?"हरिद्वार में रहने वाली माता जी को उनकी पड़ौसन ने सलाह देते हुए कहा | "हाँ,करा लूँगी---" एक उदास सी आवाज़ में उन्होंने उत्तर दिया था | प्रेक्षा को यह बात बड़ी माता जी की पड़ौसन ने बताई थी कि अब उन्हें देखने में परेशानी होने लगी थी | बड़ी माता जी यानि प्रेक्षा की नानी ने अपने लिए एक कुटिया हरिद्वार में बनवा ली थी | वो वहीं रहतीं ,बेटी के पास More Likes This तेरी मेरी यारी - 1 द्वारा Ashish Kumar Trivedi आम का बगीचा - भाग 1 द्वारा pooja एक बस स्टॉप द्वारा Birendrapatel विवान द सुपर स्टार - 1 द्वारा Himanshu Singh मिन्नी और चीकी की दोस्ती द्वारा MB (Official) आपकी मुस्कान द्वारा DINESH KUMAR KEER बगुला और सांप द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी