ek ajnabee shaam ka afsana book and story is written by Raj Gopal S Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. ek ajnabee shaam ka afsana is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. एक अजनबी शाम का अफसाना Raj Gopal S Verma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2 1.6k Downloads 6.4k Views Writen by Raj Gopal S Verma Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अजनबी…तुम जाने पहचाने से… लगते हो… ये बड़ी अजीब सी बात है...! समिधा गुनगुना रही थी. मन मे क्या था कौन जाने, पर रोमांच तो था ही. क्यों न हो! आज की खुशनुमा शाम का आगाज़ जो हो चला था. हाँ, ऐसा ही कुछ रूटीन बन गया था कि अकसर उसकी शामें थोडा रोमांटिक और कुछ रोमांचक हो जाती. समिधा ने बाथरूम से निकल कर पहले वॉल क्लॉक पर निगाह डाली. सर्द मौसम में यूं भी शामें जल्दी आ जाती हैं. चार बज कर बत्तीस मिनट हुए थे. बालों को शैम्पू करना जरूरी भी नहीं था, पर अगर किया More Likes This मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१) द्वारा Kaushik Dave बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी