kath ka ulloo book and story is written by Vinita Shukla in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. kath ka ulloo is also popular in Comedy stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. काठ का उल्लू Vinita Shukla द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 4 2.4k Downloads 12.6k Views Writen by Vinita Shukla Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गनेसीलाल एकटक, बैठक में रखी, उलूक- प्रतिमा को देख रहे हैं. उनका बड़ा बेटा मोहित, इसे किसी मेले से ले आया था. कहता था- “पिताजी क्या नक्काशी है...दूर से देखो तो साक्षात् उलूक का भ्रम होता है!” उन्होंने विरोध किया था. उनके हिसाब से तो मनहूस जीव की प्रतिकृति, मनहूसियत ही फैला सकती थी. किन्तु मोहित अड़ गया था, “यह लक्ष्मी का वाहन है...अशुभ कैसे हो सकता है?!” बच्चे का बचकाना आग्रह तो फिर भी टाला जा सकता था; किन्तु बच्चे की अम्मा ईसुरी, अपने लाल की हर बात मानती. दो दो जाहिलों से निपटना, गनेसी के बस में कहाँ More Likes This मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur राज घराने की दावत..... - 1 द्वारा pooja कॉमेडी कहानी 3 दोस्तों की - 1 द्वारा Roshan baiplawat समानांतर दुनिया - 1 द्वारा Mansi बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) चरणनंदन का अभिनंदन - 1 द्वारा Tripti Singh अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी