Mahatvakansha - 3 book and story is written by Shashi Ranjan in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mahatvakansha - 3 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. महत्वाकांक्षा - 3 Shashi Ranjan द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 971 Downloads 3.7k Views Writen by Shashi Ranjan Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण महत्वाकांक्षा टी शशिरंजन (3) मैने कहा जरूरी नहीं कि हर वो आदमी जो तुम्हारे कहने के अनुसार काम करता है वह तुम्हें प्यार भी करता हो । पति पत्नी के बीच प्यार के लिए पैसे की नहीं आपसी समझ की आवश्यकता है । मैने फिर पूछा तुम्हें इस्तीफा कब देना है । उसने कहा आज मैने भेज दिया है । मैने आश्चर्य प्रकट करते हुए पूछा - क्या ? उसने कहा –हां, बॉस को फैक्स कर दिया है । कल शाम को जाना है । पूरा दिन तैयारी में लगी रहूंगी इसलिए तुमसे मुलाकात नहीं होगी यही सोच कर अभी अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी