Khamosh Pyar book and story is written by Nimisha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Khamosh Pyar is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ख़ामोश प्यार। Nimisha द्वारा हिंदी कविता 28 1.6k Downloads 5.8k Views Writen by Nimisha Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण लो समय आ गया बिछड़ने काकर न सके हम कुछ अपनी बात।गई शाम आ गया प्रभात फैली अरूणिम आभा चहुं ओर। स्वर्णमय हो गया संसारऐसे सुंंदर अवसर परलो समय आ गया बिछुड़ने का।पहल कभी न की मैंनेमुझमें भी थी लोक ल।ज।तुम भी मुझसे कह न सकेतुम में भी था गर्व अभि मान।इसी कशमकश में कट गए दिनरह गई दिल की दिल में बात।लो समय आ गया बिछुड़नें काकर न सके हम कुछ अपनी बात।भुला न सकूंगी मैं तुमकोलौट के तुम जल्दी।तुम बिन बिंदिया सूनी हैमैं भी तुम बिन अधूरी हूं।फिर कैसे कहूं तुम्हे जाने कोक्या कहूं इस आने को।ऐसी विषम More Likes This ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj सफ़र-ए-दिल द्वारा Kridha Raguvanshi Shyari form Guri Baba - 4 द्वारा Guri baba मन की गूंज - भाग 1 द्वारा Rajani Technical Lead मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Dr Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी