Sambal book and story is written by Dilbag Singh Virk in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sambal is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. संबल Dr. Dilbag Singh Virk द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 9 1.7k Downloads 5.5k Views Writen by Dr. Dilbag Singh Virk Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण संबल “मम्मी, मुझे नहीं जाना खेलने| मैं नहीं जाऊँगी|” – सुनीता ने रुआँसी-सी होते हुए अपनी माँ से कहा| “तो अपने पिता जी से कह| मुझे नहीं पड़ना तुम्हारे झमेले में|” – कोमल ने कहा| “मुझे पापा से डर लगता है| आप ही बात करो न प्लीज|” – सुनीता ने मिन्नत करते हुए कहा| “चल देखती हूँ| एक बार तू स्कूल का होमवर्क तो कर|” – कोमल ने पीछा छुड़ाते हुए कहा| सुनीता का चयन राज्य स्तरीय खेलों में हुआ था| वह शुरू से ही बहुत फुर्तीली थी| स्कूल वालों ने उसकी प्रतिभा को पहचाना और खेलों में डाल दिया| More Likes This माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी