Kaash vo aesi vaisi hoti book and story is written by Prabodh Kumar Govil in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kaash vo aesi vaisi hoti is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. काश वो ऐसी वैसी होती Prabodh Kumar Govil द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 3.9k 2.9k Downloads 9k Views Writen by Prabodh Kumar Govil Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण समय बदल गया। कोई सबूत, सनद या मिसाल मांगे तो शुभम दे सकता है। चालीस साल पहले एक दिन उसकी नई- नवेली दुल्हन ने उसकी ताज़ा खरीद कर लाई गई पत्रिका अपनी सहेली रीना को पढ़ने के लिए दे दी थी, तो वह खासा नाराज़ हुआ था- उसे क्यों दे दी,अभी तो मैंने भी पढ़ी नहीं थी, वो कौन सी बड़ी पढ़ाका है, संभाल कर भी तो रखती नहीं,और मुझे तो ये भी याद नहीं है कि उसने कभी भी यहां से ली हुई कोई चीज़ लौटाई भी हो... दिव्या को मन ही मन खुशी हुई पर उसने चेहरे से More Likes This Between Feelings - 1 द्वारा pink lotus Last Benchers - 1 द्वारा govind yadav जेन-जी कलाकार - 3 द्वारा Kiko Xoxo अंतर्निहित - 1 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave वो जो मैं नहीं था - 1 द्वारा Rohan रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 1 द्वारा Chanchal Tapsyam अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी