Gunahgaar. book and story is written by Dilbag Singh Virk in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Gunahgaar. is also popular in Comedy stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. गुनहगार. Dr. Dilbag Singh Virk द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 1 1.7k Downloads 16.3k Views Writen by Dr. Dilbag Singh Virk Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गुनहगार “नहीं, नहीं ! मैंने कुछ नहीं किया|” “कुछ नहीं किया? अरे, तूने तो सरेआम कत्ल किया है नैतिकता का| ” “लेकिन वो मेरी मजबूरी थी|” “मजबूरी? कैसी मजबूरी?” “वहाँ नैतिकता का पालन करना मेरे चरित्र और करियर दोनों के लिए घातक सिद्ध हो सकता था|” “तुम्हारे चरित्र और करियर के लिए?” “हाँ, मेरे चरित्र और करियर के लिए|” “वो कैसे?” “यह समाज भले ही पुरुष प्रधान कहलाता हो, लेकिन आज के दौर में पुरुषों को औरतों से बचकर रहना पड़ता है| जब हालात इतने नाजुक हों, तब मेरा उस लड़की के पास रुकना, उसे लिफ्ट देना, खतरे से खाली More Likes This मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur राज घराने की दावत..... - 1 द्वारा pooja कॉमेडी कहानी 3 दोस्तों की - 1 द्वारा Roshan baiplawat समानांतर दुनिया - 1 द्वारा Mansi बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) चरणनंदन का अभिनंदन - 1 द्वारा Tripti Singh अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी