Awara nahi besahara, Ghar ki roshni book and story is written by Gyan Prakash Peeyush in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Awara nahi besahara, Ghar ki roshni is also popular in Motivational Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. 'आवारा नहीं बेसहारा', घर की रोशनी Gyan Prakash Peeyush द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 5 1.4k Downloads 6.8k Views Writen by Gyan Prakash Peeyush Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 'आवारा नहीं बेसहारा'"उमाशंकर जी! आप सैर करने जाते समय हाथ में छड़ी लेकर नहीं जाते आपका शरीर भारी है, उम्र भी अस्सी के पार हो चली है। शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए छड़ी का सहारा लेकर चलना जरूरी है। कुत्तों व पशुओं से बचाव के लिए भी छड़ी लेकर चलना अच्छा रहता है, पर आप तो छड़ी के स्थान पर कपड़े का बड़ा थैला लेकर सैर करने के लिए जाते हैं । ऐसा क्यों ? सुबह-सुबह आप क्या कुछ खरीद कर लाते हैं।""नहीं , नारायण बेटे! तुम तो मेरे पड़ोस में ही रहते हो? तुमसे क्या छुपा है? More Likes This सामने वाले की पहचान द्वारा Ashish Comfirt Zone द्वारा Ashish मंजिले - भाग 1 द्वारा Neeraj Sharma दादीमा की कहानियाँ द्वारा Ashish तीन दोस्त ( ट्रेलर) द्वारा Varun Kumar एक महान व्यक्तित्व - 1 द्वारा krick बुजुर्गो का आशिष -1 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी