अध्याय ५ "मैं पराई जो हूं" में विवाह के संदर्भ में समाज में व्याप्त भेदभाव और लड़कियों की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है। कहानी में उठाए गए प्रश्नों में शामिल हैं: क्या यह उचित है कि लड़कियों की रजामंदी के बिना शादी की जाती है? लड़कों को अपनी पसंद से शादी की आजादी होती है, जबकि लड़कियों को यह अधिकार क्यों नहीं दिया जाता? लड़की को प्रेम करने पर परिवार और समाज की इज्जत दांव पर लगाने जैसी सोच का विश्लेषण किया गया है। यह दर्शाया गया है कि शादी के बाद लड़की को घर छोड़ना पड़ता है और वह नए रिश्ते को निभाने का प्रयास करती है, परंतु यह प्रक्रिया पुरुषों के अहंकार के कारण होती है। कहानी में यह सवाल भी उठाया गया है कि क्या लड़कियों के पास भावनाएं और बुद्धि नहीं होती हैं, और क्या वे पुरुषों की कठपुतली हैं? समाज के बनाए गए इन नियमों का पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि लड़कियों के दर्द और भावनाओं की कोई कद्र नहीं की जाती, जबकि लड़के अपनी पसंद और सुंदरता के आधार पर विवाह करते हैं। अंत में, यह बताया गया है कि खुशियों को खरीदने की बजाय, लड़कियों को दुखों का सौदा करना पड़ता है, जो कि एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है। कुल मिलाकर, यह अध्याय विवाह के मुद्दों, नारी की स्थिति, और समाज में व्याप्त भेदभाव पर गहरी सोच और आलोचना प्रस्तुत करता है। आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) - अध्याय ५ DILIP UTTAM द्वारा हिंदी महिला विशेष 2.2k Downloads 7.1k Views Writen by DILIP UTTAM Category महिला विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ----- अध्याय ५. मैं पराई जो हूं ----- शादी पर लड़की की रजामंदी न लेना क्या उचित हैं? शादी लड़की की पसंद का न करना क्या सही है? लड़के शादी के नाम पर कई-कई लड़कियों को देखते रहते हैं क्या यह सही है? लड़की को आज भी अपनी पसंद का लड़का चुनने की आजादी क्यों नहीं हैं? लड़की प्रेम कर ले तो, घर की इज्जत दांव पर लग जाती है ऐसा क्यों परिवार वाले, घर वाले ,समाज वाले मानते हैं और लड़का कर ले तो यार अब लड़के ने कर लिया तो क्या करें ऐसे विचार, ऐसी सोच क्यों है? ----- Novels आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) "अर्धांगिनी"----- कहने को अर्धांगिनी कहा जाता है परंतु आधा हिस्सा दिया किसने, आधा हक दिया किसने, और आधा अधिकार/मान-सम्मान दिया किसने, आधा तो... More Likes This इश्क की लाइब्रेरी। - 8 द्वारा Maya Hanchate अनकहे रिश्ते - 1 द्वारा Mr Lay Patel गड़बड़ - चैप्टर 1 द्वारा Maya Hanchate बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 13 द्वारा Maya Hanchate गुनाहों की सजा - भाग 1 द्वारा Ratna Pandey छाया प्यार की - 1 द्वारा NEELOMA चंद्रवंशी - 1 - अंक – 1.1 द्वारा yuvrajsinh Jadav अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी