इस कहानी में परम की जिंदगी के उतार-चढ़ाव को दर्शाया गया है। छह महीने बाद परम कलकत्ता लौटता है, जहाँ उसका परिवार तनाव में है। उसकी माँ चुप है और पिता भी बातचीत से दूर रहते हैं। परम के तलाक की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें उसकी पूर्व पत्नी वाणी ने अंततः तलाक के लिए सहमति दे दी। एक महीने बाद, परम को डिग्री मिल जाती है और वह अपनी नई साथी तनु के साथ शादी करने के लिए तैयार होता है। उनकी शादी एक सादे लेकिन भव्य समारोह में होती है, जिसमें केवल कुछ करीबी लोग शामिल होते हैं। शादी के बाद, होटल में परम और तनु के बीच हल्का-फुल्का मजाक होता है, लेकिन परम का नया काम उसे पुँछ में भेज देता है, जहाँ वह अकेला चला जाता है और तनु अपने घर पर रह जाती है। वे एक नया घर बुक करते हैं और जब भी परम छुट्टी पर आता है, वह तनु के साथ समय बिताता है। कहानी अंत में परम के मन की चिंताओं और असुरक्षाओं के साथ समाप्त होती है, जो वह धुएँ के साथ बाहर निकालता है। इस प्रकार, यह कहानी प्रेम, विवाह, और व्यक्तिगत संघर्षों की गूंजती हुई तस्वीर प्रस्तुत करती है। एक जिंदगी - दो चाहतें - 19 Dr Vinita Rahurikar द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 13 1.7k Downloads 6.2k Views Writen by Dr Vinita Rahurikar Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण इसी तरह छह महीने बीते और परम फिर कलकत्ता पहुँचा। घर में वही दमघोंटू माहौल था। माँ अब भी अबोला ठाने थी। पिता चुप-चुप ही रहते। भाई सामने आने से कतराता। सुबह जल्दि घर से निकल जाता रात में पता नहीं कब वापस आता। माँ परम से बात नहीं करती लेकिन उसे सुना-सुनाकर दुनिया जहान का जलाकटा बोलती रहती। कभी अपना माथा पीटती, कभी किस्मत को कोसती। सारी जली बुझी बातों का सार बस परम के जनम की घड़ी को कोसना होता था। परम की पलकों की कोरें भीग जातीं। Novels एक जिंदगी - दो चाहतें बचपन से ही भारतीय सेना के जवानों के लिए मेरे मन में बहुत आदर था। मेरे परिवार में कोई भी सेना में नहीं है। मैंने सिर्फ सिनेमा में सैनिकों के बहादुरी भर... More Likes This जादुई मुंदरी - 1 द्वारा Darkness दस महाविद्या साधना - 1 द्वारा Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 द्वारा Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग द्वारा Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी