"ब्राह्मण की बेटी" कहानी में रासमणि नाम की एक बुजुर्ग महिला अपनी नातिन के साथ घर लौट रही होती है। रास्ते में एक बकरी का बच्चा सो रहा होता है, और रासमणि अपनी नातिन को बकरी की रस्सी लांघने से मना करती है, यह कहते हुए कि ऐसा करना मंगल और शनि के दिन अनर्थ लाता है। नातिन इस बात को बेकार की superstition मानती है, जिससे रासमणि नाराज होती है। तभी एक दूले जाति की लड़की वहां आती है, और रासमणि उससे सवाल करती है कि वह क्यों आई है। दूले की लड़की बताती है कि उसकी नानी ने उसे और उसकी माँ को घर से निकाल दिया, और अब वे यहाँ रह रही हैं। रासमणि को यह जानकर खुशी होती है कि किसी की दुर्गति पर वह प्रसन्न हो जाती है, और वह लड़की से पूछती है कि उसे कब निकाला गया। कहानी जातिवाद, ऊँच-नीच की भावना और सामाजिक असमानता को दर्शाती है, जिसमें रासमणि अपनी नातिन की सोच पर सवाल उठाती है और दूले जाति की लड़की के प्रति अपनी घृणा व्यक्त करती है। ब्राह्मण की बेटी - 1 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 42k 67.9k Downloads 87.5k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मुहल्ले में घूमने-फिरने के बाद रासमणि अपनी नातिन के साथ घर लौट रही थी। गाँव की सड़क कम चौड़ी थी, उस सड़क के एक ओर बंधा पड़ा मेमना (बकरी का बच्चा) सो रहा था। उसे देखते ही बुढ़िया नातिन को चेतावनी देने के स्वर में सावधान करती हुई बोली ‘ऐ लड़की, कहीं आँख मींचकर चलती हुई मेमने की रस्सी लांधने की मूर्खता न कर बैठना। अरी, यह क्या, लांध गयी. तू भी हरामजादी बिना ध्यान दिये चल देती है। क्या तुझे रास्ते में बंधी बकरी दिखाई नहीं देती?’ नातिन बोली, ‘दादी, बकरी तो सो रही है।’ ‘तो क्या, सो रही बकरी की रस्सी टापने में दोष नहीं लगता? तुझे क्या इतना भी मालूम नहीं कि मंगल और शनि के दिन रस्सी लांधने का परिणाम अनर्थ होता है।’ Novels ब्राह्मण की बेटी मुहल्ले में घूमने-फिरने के बाद रासमणि अपनी नातिन के साथ घर लौट रही थी। गाँव की सड़क कम चौड़ी थी, उस सड़क के एक ओर बंधा पड़ा मेमना (बकरी का बच्चा) सो र... More Likes This ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana Middle Class Boy द्वारा Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 द्वारा M choudhary अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी