यह कहानी रुहाना और श्वेतांश के बीच की बातचीत पर केंद्रित है, जहाँ रुहाना उन लोगों की दयनीय स्थिति पर विचार कर रही है, जो ठंड में सही कपड़े नहीं पहनते हैं, विशेष रूप से एक छोटे बच्चे के बारे में। श्वेतांश उसे बताता है कि जब बच्चे की मां ही अपने बच्चे की देखभाल नहीं कर रही है, तो वे बेवजह परेशान हो रही है। रुहाना इन महिलाओं और बच्चों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करती है और उनके पुरुषों के लापता होने पर गुस्सा जाहिर करती है। श्वेतांश इस विषय पर गम्भीर हो जाता है और उसे बताता है कि वह हर बृहस्पति को इस ब्रिज पर क्यों आता है और क्यों वह इन महिलाओं और बच्चों के बारे में इतना जानता है। वह अपनी पढ़ाई में कठिनाई और नेता बनने के अपने सपने के बारे में बात करता है, यह सोचते हुए कि अनपढ़ और गुंडे भी नेता बन सकते हैं। कहानी सामाजिक मुद्दों, महिलाओं और बच्चों की स्थिति, और व्यक्तिगत संघर्षों पर प्रकाश डालती है। पॉलिटेक्निक वाले फुट ओवर ब्रिज पर - 2 Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 2.8k 2.4k Downloads 6.2k Views Writen by Pradeep Shrivastava Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रुहाना को उसकी हालत पर बड़ी दया आ रही थी। खासतौर से उस दुधमुंहे डेढ़ साल के बच्चे पर, जो उस ठंड में बचने लायक कपड़े तक नहीं पहने था। उसे उसी तरफ देखते पाकर श्वेतांश समझ गया कि वह क्या देख रही है। उसने उसे टोकते हुए कहा, ‘क्या देख रही हो?’ श्वेतांश ने अपना चेहरा तभी दूसरी तरफ घुमा लिया था जब उन सब ने खाना शुरू किया था। उसके प्रश्न पर रुहाना ने भी उसी की तरफ मूंह कर लिया और कहा, ‘इन सब को देख रही हूं। इस ठंड में बेचारों के पास कपड़े तक नहीं हैं। ठंड से ठिठुर रहे हैं, खाना भी पता नहीं क्या खा रहे हैं? जो बच्चा दूध पी रहा है, उस बेचारे को देखो वह भी आधा नंगा है। नन्हीं सी जान को ठंड लग गई तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी।’ Novels पॉलिटेक्निक वाले फुट ओवर ब्रिज पर फुटओवर ब्रिज पर इधर-उधर टहलते हुए रुहाना को आधा घंटा से ज़्यादा हो चुका था। उसे आते-जाते लोगों में घर जाने की जल्दी साफ दिख रही थी। सात बज गए थे। अंधे... More Likes This दिल का रिश्ता - 1 द्वारा soni मैं बिखरा नहीं......बस बदल गया - 1 द्वारा vikram kori Mafiya Boss - 1 द्वारा PAYAL PARDHI अनकही मोहब्बत - 1 द्वारा vikram kori अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 1 द्वारा Nirali Ahir मोहब्बत के वो दिन - 1 द्वारा Bikash parajuli बेजुबान इश्क - 1 द्वारा soni अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी