कहानी "बिराज बहू" में बिराज एक दुखी और अपमानित महिला है, जो अपनी जीवन की कठिनाइयों से परेशान होकर आत्महत्या करने का निर्णय लेती है। लेकिन जब वह अपनी जान देने की तैयारी कर रही होती है, तभी उसे नदी के पार एक मचान पर कुछ नजर आता है, जो उसे आकर्षित करता है। इस दृश्य से प्रभावित होकर, वह अपने बंधनों को तोड़कर जंगल की ओर चल पड़ती है। कहानी में सुन्दरी नाम की एक दूसरी महिला भी है, जो बिराज की मदद को आती है। बिराज और सुन्दरी मिलकर एक नाव में सफर करती हैं, लेकिन सुन्दरी अपनी पहचान छुपाने के लिए वापस लौट जाती है। इसके बाद, बिराज जमींदार के सजाए गए बजरे में चढ़ती है, जहां वह राजेन्द्र से मिलती है, जो शराब के नशे में है। राजेन्द्र, जो पहले से ही बिराज के प्रति पागल था, उसे देखकर भयभीत हो जाता है और बातचीत नहीं कर पाता। कहानी में बिराज के संघर्ष, उसके अपमान, और राजेन्द्र की भावनाओं का जटिल चित्रण किया गया है। यह एक गहरी और मार्मिक कथा है जो सामाजिक मुद्दों और मानवीय संबंधों को उजागर करती है। बिराज बहू - 13 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 21 4.8k Downloads 11.5k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण वैसे बिराज का मर जाना ही ठीक था, पर वह मरी नहीं। कई दनों से भूख और दु:ख-दर्द से आहत थी। अपमान की चोटों से उसका दुर्बल मस्तिष्क खराब हो गया। उसी रात मरने के चन्द क्षणों पूर्व उसने दूसरी राह पर अपने कदम बढ़ा दिए। मौत का इरादा करके वह अपने हाथ-पांव बांध रही थी, तभी बजली चमकी। भयभीत होकर उसने सिर उठाया। तेज रोशनी में नदी के पार घाट पर बनाए हुए मचान पर उसकी दृष्टि पड़ गई। लगा जैसे वह उसकी प्रतीक्षा में आँखें फाड़े हुए है। मानो उससे चार नजर हो गए हों और उसे बुला रहे हों। अचानक बिराज गरज उठी- “वे साधु-महात्मा तो मेरे हाथ का पानी नहीं पीएंगे, पर यह पापी तो पीएगा, ठीक है।” Novels बिराज बहू हुगली जिले का सप्तग्राम-उसमें दो भाई नीलाम्बर व पीताम्बर रहते थे। नीलाम्बर मुर्दे जलाने, कीर्तन करने, ढोल बजाने और गांजे का दम भरने में बेजोड़ था। उस... More Likes This चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal एक रात - एक पहेली - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 3 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी